लालकुआं – नगर पंचायत लालकुआं के अध्यक्ष एवं पूर्व सैनिक सुरेंद्र सिंह लोटनी ने बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक तथ्यात्मक और प्रभावशाली पत्र भेजा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वनाधिकार कानून (एफआरए 2006) के अंतर्गत बिंदुखत्ता को तत्काल राजस्व ग्राम घोषित करने की अधिसूचना जारी की जाए।
पूर्व सैनिक लोटनी ने अपने पत्र में बताया है कि बिंदुखत्ता की वनाधिकार समिति द्वारा सभी वैधानिक प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं। जिला स्तरीय समिति (DLC) द्वारा भी इसे अनुमोदन प्राप्त हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक 11,703 परिवार—जिनमें अधिकांश सैनिक और पूर्व सैनिक हैं—सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि एफ.आर.ए. के अनुसार, डीएलसी के निर्णय के बाद न तो भूमि को अनारक्षित करने की आवश्यकता है और न ही केंद्र सरकार की अनुमति की। इसके बावजूद, बिंदुखत्ता की फाइल को अनावश्यक रूप से वन विभाग को भेज दिया गया, जो वनाधिकार कानून की भावना और नियमों के विपरीत है।
लोटनी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि राज्य स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से वन विभाग से फाइल को तुरंत वापस मंगवाया जाए और बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए, ताकि स्थानीय जनता को उनका हक और योजनाओं का लाभ मिल सके।
यह मांग क्षेत्र की वर्षों पुरानी जनभावनाओं से जुड़ी हुई है और इसे पूरा करना लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत भरा कदम होगा।
गौरतलब है कि सुरेंद्र सिंह लोटनी आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी सक्रिय हैं और इन दिनों लगातार क्षेत्र के गांवों में जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। वह वादा कर रहे हैं कि जनता का समर्थन मिला तो लालकुआं विधानसभा क्षेत्र को चौमुखी विकास की ओर अग्रसर किया जाएगा। उन्हें वर्तमान में क्षेत्र के अधिकांश पूर्व सैनिकों का मजबूत समर्थन प्राप्त है।