तो क्या इतना दबंग है डोल्फिन कंपनी का प्रबंधक प्रिंस धवन आमरण अनशन के बाद भी सरकार और प्रशासन नहीं ले रहा श्रमिकों की सुध

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पंतनगर – एक निजी कंपनी के प्रबंधक के दबगाई का इतना असर बड़ा असर राज्य सरकार और जिला प्रशासन हावी है कि लंबे अरसे से इस दबंग प्रबंधन प्रिंस धवन के अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन कर रहे डोल्फिन कंपनी के मजदूरों की आवाज सरकार और प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंची है, करीब सवा महीने से भूखे प्यासें सड़कों पर बैठे इन मजदूरों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है, वहीं अब इन मजदूरों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है,भूख हड़ताल के दौरान बड़ी संख्या में महिला श्रमिक बेहोश तक हो चुकी है, नारी सम्मान का दावा करने वाली धामी सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी इन श्रमिकों की सुध लेने को तैयार नहीं है बल्कि भाजपा सरकार के कर्णवीर इन्हें मजबूर करने पर आमादा है, बता दें कि एक अरसे से डोल्फिन कंपनी के तथा कथित प्रबंधक प्रिंस धवन और उसके गुर्गों के अत्याचारों से तंग आए इन मजदूरों ने आंदोलन शुरू किया था,हाल ही में शहर विधायक शिव अरोरा खुद धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलन कर रहे श्रमिकों को न्याय दिलाने की बात कही थी, लेकिन उसके बाद शहर विधायक शिव अरोरा हरियाणा विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गए और आंदोलन कर रहे श्रमिकों से किया गया वादा दर किनार कर दिया, जिसके बाद इन मजदूरों ने शहर के सबसे व्यस्त हाइवे पर घंटों तक बैठ कर हंगामा खड़ा कर दिया,इस दौरान शहर विधायक शिव अरोरा के कुछ प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन मजदूरों ने उन्हें नौ दो ग्यारह कर दिया और मौके पर विधायक को बुलाने को मांग कर दी, लेकिन विधायक शिव अरोरा उस वक्त शहर में नहीं थे,इस दौरान महिला मजदूरों ने जमकर पुलिस को खरी खोटी सुनाई थी, जिसके बाद इन मजदूरों ने गांधी पार्क में आमरण अनशन शुरू किया और बहुत सी महिलाएं भूख से हताशा होकर बेहोश हो गई,यह सवाल उठता है कि क्या डोल्फिन कंपनी का तथा कथित प्रबंधक प्रिंस धवन सरकार और प्रशासन पर हावी है क्या प्रिंस धवन के सामने सरकार और प्रशासन बौना साबित हो रहा है, क्या सरकार और प्रशासन ने प्रिंस धवन को मजदूरों पर अत्याचारों का प्रमाण पत्र दे दिया है, क्या सरकार और प्रशासन प्रिंस धवन की दबंगई से देशत में है, यानी सरकार और प्रशासन प्रिंस धवन के खिलाफ कार्रवाई करता है तो क्या बहुत से बड़े ओहदे पर बैठे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटकने की दहशत है, बहरहाल जो भी हो लेकिन यह बात साफ हो गई है सरकार और प्रशासन महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने की दावा करने में फिर एक बार पंगु दिखाई दे रही है, ऐसे में बहुत से सवाल सरकार और प्रशासन पर हावी हो रहे हैं।


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