रुद्रपुर – डॉल्फिन कंपनी सिडकुल पंतनगर (उत्तराखंड )में बुनियादी श्रम कानूनों को लागू कराने की मांग को लेकर डॉल्फिन कम्पनी की 4 महिलाओं के नेतृत्व में 21 अक्टूबर 2024 से जारी आमरण अनशन आज 12 वें दिन भी जारी है। प्रेमवती, पुष्पा और देव कुमार विगत 12 दिन से,ललित कुमार विगत 4 दिन से और आकाश विगत 3 दिन से गाँधी पार्क रुद्रपुर में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। विगत 12 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी पिंकी गंगावार और कृष्णा देवी ने जिला अस्पताल रुद्रपुर में भी अपना आमरण अनशन जारी रखा हुआ है।
डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार ने कहा कि गाँधी पार्क रुद्रपुर में विगत 12 दिनों से आमरण अनशन पर बैठीँ प्रेमवती और पुष्पा की स्थिति नाजुक बनी हुईं है |विगत दो दिनों से डॉक्टर भी उनके मेडिकल परिक्षण के लिए नहीं आये हैं |जिससे स्पष्ट है कि भाजपा -आरएसएस की डबल इंजन की सरकार ने अपने माईबाप और डॉल्फिन कंपनी मालिक प्रिंस धवन के चरणों में अनशन पर बैठी महिलाओं की नरबलि चढ़ाने की ठान रखी है।
डॉल्फिन मजदूर संगठन के कोषाध्यक्ष विक्की ने कहा कि कल 31 अक्टूबर को अनशन कारी प्रेमवती ,पुष्पा,कृष्णा देवी और देव सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के मुख़्य न्यायाधीश को पत्र प्रेषित करते हुए अवगत कराया कि वो कम्पनी मालिक प्रिंस धवन, DLC के के गुप्ता, ADM पंकज उपाध्याय और श्रम मंत्री पुष्कर सिंह धामी के जुल्म अत्याचार के कारण ही अनशन पर बैठने को मजबूर हैं।यदि अनशन के दौरान उनकी मृत्यु होती है तो उक्त चारों लोगों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाये |और उनका अंतिम संस्कार श्रम मंत्री पुष्कर सिंह धामी के खटीमा स्थित आवास पर सम्मान के साथ किया जाये |जो कि भाजपा आरएसएस की सरकार के लिए डूब मरने वाली बात है।
डॉल्फिन मजदूर संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि विगत 12 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे डॉल्फिन कम्पनी की स्थाई श्रमिक पुष्पा, प्रेमवती और कृष्णा देवी का कंपनी मालिक ने विगत 8 माह से कारण बताओ नोटिस या आरोप पत्र जारी किये बिना अवैध गेटबंदी कर रखी है। कृष्णा देवी का कंपनी में ड्यूटी जाते समय रास्ते में हाथ टूट गया था, उनका वह हाथ अब बिल्कुल भी काम नहीं करता है किन्तु कम्पनी मालिक ने फिर भी हैवानियत दिखाते हुए उनका गेटबंद करके इंसानियत को तार तार कर दिया। स्थाई श्रमिक देव कुमार की अवैध रूप से सेवा समाप्त करके ठेके की नौकरी में धकेल दिया। स्थाई श्रमिक पिंकी गंगवार को भी ठेके की नौकरी स्वीकार करने को पहले उत्पीड़न किया गया,फिर आरोप पत्र देकर दबाव बनाया गया।इसकी शिकायत करने पर भी शासन सत्ता कंपनी मालिक को ही संरक्षण देती रही।
यदि उक्त अनशन कारियों को जानमाल से कोई नुकसान हुआ तो श्रम विभाग, जिला प्रशासन और श्रम मंत्री के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा कि उन्होंने उक्त अवैध कृत्यों पर रोक लगाकर अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करके अनशन कारियों की प्राणरक्षा क्यों नहीं की |
इनके पास इसका भी कोई जवाब नहीं होगा कि हजारों स्थाई मजदूरों की अवैध रूप से सेवा समाप्त करके उन्हें ठेके की नौकरी में नियोजित करके भविष्य बर्बाद करने पर , 48 स्थाई मजदूरों को कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र जारी किये बिना उनकी अवैध गेटबंदी करने पर, न्यूनतम वेतन और बोनस भुगतान अधिनियम के घोर पर, केंटीन सुविधा ना देकर कंपनी एक्ट के घोर उल्लंघन करने पर श्रम विभाग, जिला प्रशासन और श्रम मंत्री ने कानून के अनुसार कार्यवाही क्यों नहीं की? इनके पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं होगा कि ये लोग अपने संवैधानिक पदों पर आखिर किस काम के लिए नियुक्त किये गए हैं?
डॉल्फिन मजदूर संगठन की नेत्री पिंकी गंगवार ने कहा कि हम न्याय मिलने तक अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। इसके लिए हमें प्राण भी त्यागने पड़े तो हम इससे भी पीछे नहीं हटेंगे |
आज आमरण अनशन स्थल पर हमारे बीच इंकलाबी मजदूर केंद्र के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह और इनके साथी, आम आदमी पार्टी के नगर अध्यक्ष सतपाल ठुकराल और इनकी पूरी टीम, बड़वे यूनियन के कोषाध्यक्ष साहब सिंह जी पहुंचे और पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिया |साथ में प्रेमवती, पुष्पा, सुनीता, कमलेश देवी, लक्ष्मी, पिंकी, सोनू, ललित, आकाश, बब्लू, नीरज सहित भारी संख्या में मजदूर साथी उपस्थित थे। यहां प्रेस विज्ञप्ति मजदूर संघ के अध्यक्ष ललित सिंह ने जारी की।