राज्य की भाजपा सरकार का महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण छलवा पुलिस बरसा रही लाते घुस्से – सतपाल सिंह ठुकराल
ऊधम सिंह नगर – राज्य की महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर लगाम लगाने के दावे भले ही प्रदेश में शासित भाजपा सरकार की करें, लेकिन कहीं न कहीं सरकार के उन दावों की पोल खुल कर सामने आ ही जाती है, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार सूबे में सशक्त बनाने का दावा करते आ रहे हैं इसके लिए सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, वहीं सरकार महिलाओं को लेकर बेहद संजीदा है और उनकी सुरक्षा के कड़े कानून बनाए गए हैं, अपनी सरकार की उपलब्धियों को सरकार के जनप्रतिनिधि भी खूब कसीदे पढ़ते दिखाई देते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय रुद्रपुर में आमरण अनशन पर बैठे डोल्फिन कंपनी के मजदूरों खास कर महिलाओं के साथ जो घटना घटित हुई है उस संगीन मामले ने सरकार के सारे दावों को सिरे से खारिज कर दिया, पुलिस ने जिस बर्बरता से आमरण अनशन कर पिंकी गंगवार को वहां से उठाया और उस दौरान हुई खींचा तानी में एक महिला के वस्त्रों को तार तार कर दिया इससे लगता है कि सरकार अपने ही दावों को खोखला साबित कर रही है,यह शर्मनाक घटना उस समय हुई जब देश का सबसे बड़ा पर्व दीपावली मौके पर था,जिस किसी ने भी इस घटना का वीडियो देखा वो दांतों तले उंगलियां दबा गया, वहीं इन मजदूरों ने इस शर्मनाक वीडियो को न्याय का मंदिर कहें जाने वाली अदालतों को पहुंचने का बीड़ा उठाया है, इसके अलावा राज्य के उच्च न्यायालय और देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में इस घटना को पेश करने की बात कही जा रही है, इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल को इस मामले में शिकायत करने का फैसला लिया गया है, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि सत्तारूढ़ भाजपा के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस मामले को गंभीरता से आखिर क्यों नहीं ले रहे, उनकी खामोशी से आम आदमी हैरानी में है इन मजदूरों के साथ जो व्यवहार किया गया है वह सबके संज्ञान में है और फिर भी उनकी खामोशी खुद में बड़े सवाल खडी कर रही है, जिले भर की मीडिया ने इस मामले को रिपोर्टिंग की शाय़द यह मामला सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में जा पहुंचा होगा, लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विपक्ष भी गूंगा बहरा हो गया
सरकार को लेकर हो होल्ला करने वाली कांग्रेस भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं,जिसे लेकर विपक्षी दल कांग्रेस पर सांवलिया निशान लगाएं जा रहे, इस मामले में सिर्फ पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने मौके पर पहुंच कर इन मजदूरों को ऊर्जा प्रदान की है उनके अलावा युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समित भुल्लर ने भी मौके पर पहुंच कर इन श्रमिकों की हौसला अफजाई की लेकिन कांग्रेस में बड़े हौदे पर विराजमान मठाधीशों ने इस मामले में भागीदारी सुनिश्चित करना उचित नहीं समझा और एसी के कमरों में बैठकर तमाशा देखने में व्यस्त हो गए, यहां बड़ा सवाल यह है सरकार को हर मोर्चे पर घेरने वाले कांग्रेस के मठाधीशों ने इस मुद्दे पर क्यों कुछ नहीं कहा मतलब साफ है कि यह कांग्रेसी सिर्फ फोटो खींचवाने में सक्षम है जबकि जन हितैषी नहीं है।
33 प्रतिशत आरक्षण देने वाली सरकार महिलाओं के दमन में नंबर वन- सतपाल सिंह ठुकराल
आम आदमी पार्टी के नव नियुक्त महानगर अध्यक्ष सतपाल सिंह ठुकराल ने सरकार के 33 प्रतिशत आरक्षण को सिरे से खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके ऊपर हों रहे हैं अत्याचारों को बढ़ावा दे रही है, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की अस्मत को तार तार करने वाले पुलिस महकमे के अधिकारियों ने जिस तडाव मचाया उससे लगता है सरकार महिलाओं को सुरक्षा नहीं बल्कि उनके खात्मे का मन बना रही है, उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने इन मजदूरों को समर्थन दिया है और इनके हकों की लड़ाई को आखिरी दम लड़ा जाएगा।
प्रिंस धवन फर्जी सूची तैयार कर जिला प्रशासन थमाईं – ललित सिंह
डोल्फिन कंपनी मजदूर संघ के अध्यक्ष ललित सिंह ने कहा कि डोल्फिन कंपनी के प्रबंधक प्रिंस धवन ने जिन 140 श्रमिकों की सूची जिला प्रशासन और श्रम आयुक्त कार्यालय को भेजी है वो पूरी तरह फर्जी है,उस सूची के मुताबिक सिर्फ 42 श्रमिकों को काम पर वापस लिया गया और जो बाकी नाम है वो पूरी तरह फर्जी है, उन्होंने कहा कि कंपनी स्तर पर काम करने वाले मजदूरों को ठेका प्रथा में धकेल जा रहा है जबकि हम लोग बीते 10 सालों से परमेन्ट तौर पर काम कर रहे थे, उन्होंने कहा कि श्रम विभाग प्रिंस धवन के हाथों बिक चुका है और धवन जो कहता है उसे ही मान्यता दे रहा है जबकि श्रमिकों की सच्चाई को दबाने का काम कर रहा है।