रूद्रपुर – ग्राम्य विकास विभाग द्वारा निर्मित 70 अमृत सरोवर में जल संरक्षण, संवर्धन के साथ ही आजीविका उपार्जन किया जाने हेतु मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में सम्बन्धित विभागों के साथ विकास भवन सभागार में बैठक आयोजित हुई। उन्होने बताया कि जनपद में 80 अमृत सरोवर निर्मित किये गये है जिसमे से 10 वन क्षेत्र में व 70 राजस्व क्षेत्र में बनाये गये है। आजीविका उपार्जन हेतु स्वंय सहायता समूहों को 27 अमृत सरोवर, युवा मंगल दल को 09, सहकारिता विभाग को 03, मत्स्य को 22, पंचायतीराज को 05 व पर्यटन विभाग को 04 अमृत सरोवर विभिन्न प्रयोजन हेतु आवंटित किये गये है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि अमृत सरोवरो को आजीविका के स्रोत के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को आवंटित किये गये है। अभी तक 62 अमृत सरोवर विभागों द्वारा अपने स्तर से स्वयं सहायता समूह, युवा मंगल दलों, सहकारिता समूहों, मत्स्य पालकों को आवंटित किये गये है जबकि 08 अमृत सरोवरो का आवंटन विभागों द्वारा गतिमान है। उन्होने जिन विभागों द्वारा अमृत सरोवरों का आवंटन अपने स्तर से नही किया है उन्हे तुरंत आवंटन करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि अमृत सरोवरों में क्या गतिविधियां की जायेंगी उसकी सूची उपलब्ध कराये ताकि विभिन्न गतिविधियों में उनका तकनीकि सहयोग व सहायता की जा सकंे। उन्होने कहा कि अमृत सरोवर में मत्स्य पालन, जल क्रीडा, सिंघाड़ा उत्पादन गतिविधियों के साथ ही अन्य जीविका उपार्जन गतिविधिया कर आय उपार्जन की जा सकती है इसके लिए जो अमृत सरोवरों को कार्य हेतु ले रहे है उनको प्रेरित किया जाये।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि कितने स्वयं सहायता समूह व कितने युवा मंगल दलों को अमृत सरोवर विभागों द्वारा आवंटन किय गये है और क्या-क्या गतिविधियां उनमें की जा रही है उसकी विस्तृत सूचना उपलब्ध करायें, उन्होंने कहा कि अभी तक आवंटित अमृत सरोवरों से 2 लाख 40 हजार धनराशि अर्जित हुई है जिसको सरोवरों के सृद्भढीकरण में उपयोग किया जाएगा उन्होंने कहा कि जिन अमृत सरोवरों की गतिविधियों में उचित लाभ नहीं हो रहा है उनको तकनीकी व अन्य सहायता प्रदान करने हेतु कार्ययोजना बनाएं, उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि अमृत सरोवरों में जल संरक्षण जल संचय को ध्यान में रखकर कार्य करें, बैठक में परियोजना निदेशक डी आर डीए हिमांशु जोशी, जिला पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट सहित वर्चुअल के जरिए से खंड विकास अधिकारी जुड़े थे।